lahsun ki kheti kaise kre
लहसुन की खेती के लिए मौसम में चार बार पानी की आवश्यकता होती है। जबकि अन्य फसलों को एक सीजन में छह से सात बार सिंचाई करना पड़ता है।
लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त जमीन
Garlic farming मिट्टी जो अच्छी तरह से सूखी, उपजाऊ और कार्बनिक पदार्थों के साथ अच्छी तरह से आनुपातिक है, और मध्यम काली जमीन लहसुन का पाक के लिए अधिक अनुकूल है।
लहसुन की किस्में (Garlic seeds)
गुजरात लहसुन -3, गुजरात लहसुन -4, यमुना सफेद (G-282), यमुना सफेद -2 और 3
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लहसुन की बोआई का समय (lahsun kheti)
अक्टूबर-नवंबर – 1 से 21 अक्टूबर के बीच रोपण से अधिक उत्पादन मिलता है।
रोपण दूरी
10 से 15 x 10 सेमी
लहसुन का बीज दर
500 से 700 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर
रासायनिक उर्वरक
25 कि.ग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फोरस और 50 कि.ग्रा पोटाश तत्व के रूप में मूल उर्वरक के रूप में देना पड़ता है। यानी 109 किलो डीएपी, 86 कि.ग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और 11 कि.ग्रा यूरिया दें। इसके बाद, 30 किलोग्राम नाइट्रोजन को पूरक के रूप में 30 दिनों के लिए दीजिए यानी 54 किलोग्राम यूरिया दें।
देसी खाद
जमीन तैयार करते समय मिट्टी में 20-25 टन / हेक्टेयर देशी उर्वरक मिलाएं।
सिंचाई की मात्रा
सिंचाई 10 से 12 दिन की दूरी पर देना चाहिये । लहसुन की कली बनने के बाद सिंचाई की अधिकता से कलियों में वृद्धि होती है। कटाई से 15 से 20 दिन सिंचाई बंद कर दें।
लहसुन कितने दिन में पकता है
130 से 135 दिन
लहसुन का उत्पादन
लहसुन का उत्पादन सरेराश 7 से 8 हजार किलोग्राम / हेक्टेयर होता है।